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शक्ति में वृद्धि-हरी मिर्च में भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। जो रोगों से लड़ने की शक्ति में वृद्धि कर हमारी प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है।
मिर्च ह्रदय घात और पेट जलन के रोग में भी मना होती है।
एक अध्ययन के अनुसार, हरी मिर्च में विटामिन सी होता है जो त्वचा में कोलेजन संश्लेषण को बढ़ाने में मदद करता है। यह चमकदार, स्वस्थ त्वचा के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, इसमें विटामिन ए भी मौजूद होता है जो उम्र बढ़ने वाली त्वचा के संकेतों को दूर करने में मदद करता है।
हरी मिर्च तीखी होती है इसलिए यह क्षारीय है।
साथ ही, इसमें फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते है जिनके एंटी-माइक्रोबियल गुण मुंहासों और काले धब्बों को कम करते हैं।
इस शोध ने फेफड़ों एवं लिवर कैंसर में कैप्सैसिन लाभकारी पाई है.
ताकि शरीर के तापमान को प्राकृतिक तौर पर नियंत्रित रखा जा सके.
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प्राकृतिक पेनकिलर-आपको बता दे की हरी मिर्च को प्राकृतिक पेनकिलर के रूप में भी जाना जाता है। अगर आप भोजन के साथ इसका सेवन करते है तो आपके शरीर में होने वाले सभी प्रकार के दर्द ठीक हो जायेंगे।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है.
मिर्ची के बिना भारतीय एवं एशिया के व्यंजनों की कल्पना करना मुश्किल काम है.
हरी मिर्च दिल के रोगियों के लिए खासतौर पर लाभदायक माना जाता है। एनसीबीआई की ओर से उपलब्ध शोध में पाया गया है कि हरी मिर्च में कैप्साइसिन नामक कंपाउंड पाया जाता है, जो मिर्च को तीखा और स्वास्थ्यवर्धक बनाता है। more info हरी मिर्च का रोजाना सेवन करने वाले लोग हार्ट अटैक यानि दिल का दौरा पड़ने से बचे रहते है। आयरन की कमी को करे दूर
तेल में मिर्च गर्म कर गठियावात, गाउट, इत्यादि की वेदना में लेप लगाना,